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वृद्धा पेंशन घोटाले की CBI करेगी जांच

Haryana 1st

HARYANA1ST : हरियाणा में 13 साल पहले हुए पेंशन घोटाले की जांच अब CBI करेगी। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किए हैं। राज्य के इस पेंशन घोटाले का खुलासा 2011 में CAG की रिपोर्ट में हो चुका है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि यह करोड़ों रुपए का घोटाला है। इस घोटाले में कई ऐसे जनप्रतिनिधि भी शामिल थे जो अंडर ऐज होने के बाद भी वृद्धावस्था पेंशन ले रहे थे। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का समय दिया है।

पूर्व CM हुड्‌डा की बढ़ेंगी मुश्किलें

हरियाणा में यह घोटाला 2011 के दौरान हुआ है। उस समय कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा की सरकार थी। यदि इस मामले में सीबीआई जांच के दौरान घोटाले की बात सामने आती है तो पूर्व सीएम की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है।

कुरूक्षेत्र के याची ने लगाई याचिका

इस मामले की जांच के लिए कुरूक्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए याचिका लगाई है। याचिकाकर्ता के एडवोकेट प्रदीप कुमार ने बताया कि इस मामले में दो प्रकार के लोगों को गलत तरीके से बेनिफिट दिया गया। एक वे लोग थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उसके बावजूद भी उनके नाम से बुढ़ापा पेंशन जाती रही। दूसरा जो अंडर ऐज होने के बावजूद भी यह पेंशन का लाभ ले रहे थे।

50 उम्र तक के लोग ले रहे थे लाभ

हरियाणा में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि इस पेंशन का लाभ सूबे में 40 और 50 साल के उम्र के लोग भी ले रहे थे। इसके अलावा वह लोग भी पेंशन का लाभ ले रहे थे जो इसके हकदार ही नहीं थे। सरकार ऐसे लोगों को पहले से ही दूसरे मद में पेंशन दे रही थी। यह भी बताया जा रहा है कि इस मद में कई पूर्व सरपंच और पंच भी शामिल हैं।

ED-CBI से जांच की मांग

इस मामले में कुरूक्षेत्र के एक व्यक्ति ने ED-CBI और हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। मामले में कैग की रिपोर्ट भी सामने आई थी, कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यह बहुत बड़ा घोटाला है। बावजूद, मौजूदा सरकार ने इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया। एडवोकेट ने कहा कि मामले में कोई कार्रवाई न होने के चलते 2017 में हाईकोर्ट में CBI जांच के लिए याचिका दायर की गई थी। पिछले डेढ़ साल के दौरान हाईकोर्ट द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से हलफनामा मांगा गया था, इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है। कोर्ट ने पूछा था कि 2011-2023 तक इस मामले में क्या कार्रवाई हुई।(सूत्र इंटरनेट)