HARYANA1ST : भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवान जंतर-मंतर पर लगातार 32 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। इस बीच गुरुवार को खटकड़ टोल पर महापंचायत हुई। जिसमें जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट भी पहुंचे। इस मौके पर बजरंग पूनिया ने कहा कि ये लड़ाई हम जरूर जीतेंगे। बृजभूषण कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हम सिर झुका सकते हैं तो सिर काट भी सकते हैं। विनेश फोगाट ने कहा- महिला खिलाड़ी अपने साथ हो रहे शोषण के कारण पिछले 12 साल से तिल-तिल मर रही थी। बृजभूषण दरिंदा नोच-नोच कर खा रहा था। वह अपने घर वालों को भी नहीं बता पा रही थी। अब अपनी जान हथेली पर रखकर उन्होंने अन्याय के खिलाफ सड़क पर बैठना पड़ा है।
जान चली जाए लेकिन शान नहीं जाने देंगे
विनेश फोगाट ने कहा कि जब वह मेडल लेकर आए थे तो लगा था कि यहां बेटियों की बहुत इज्जत होती है, लेकिन अब यह हाल है कि वह सड़कों पर बैठी हैं और कोई सुध नहीं ले रहा है। यह तिरंगे की आन-बान की लड़ाई है। जान चली जाएगी लेकिन शान नहीं जाने देंगे। कुश्ती ही नहीं, सभी खेलों में बृजभूषण जैसे दरिंदे बैठे हैं, अब सभी को उखाड़ फेंकेंगे, लेकिन इसके लिए सभी पीड़ितों को आगे आना होगा।
PM मोदी और बृजभूषण पर लगाए झूठे आरोप
पहलवानों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता बम बम महाराज की तरफ से अधिवक्ता एपी सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मालिक सहित अन्य पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने जंतर मंतर से भड़काऊ भाषण दिए। कहा गया है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। इस तरह का आरोप किसी के दबाव में व्यक्तिगत लाभ के लिए लगाए गए हैं।
शिकायत में ये भी कहा गया
आगे कहा कि आरोपी पहलवान अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट भी खेलते हैं। इनमें कोई भी कथित अपराध का विरोध करने में शारीरिक या दूसरे तरीकों से कमजोर नहीं थे। इसलिए इस बात पर भरोसा करना मुश्किल है कि उन्हें एक 66 साल के व्यक्ति ने परेशान किया था। याचिका में कहा गया है कि इनमें से किसी भी पहलवान ने पहले न तो कथित उत्पीड़न का विरोध किया और न ही पुलिस स्टेशन, महिला हेल्पलाइन या राज्य महिला आयोग में कोई लिखित या मौखिक शिकायत दी या मुकदमा दर्ज कराया। जंतर-मंतर पर पहलवानों का विरोध प्रदर्शन महज पुलिस और अदालत पर अनावश्यक दबाव बनाने के लिए बनाया जा रहा है।(सूत्र इंटरनेट)