PUNJAB1ST : पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में फायरिंग कर 4 जवानों की हत्या के मामले में अभी तक हमलावरों को कोई सुराग नहीं लगा है। सेना और पुलिस ने 2 संदिग्ध हमलावर बताए थे, लेकिन अभी तक उन्हें गिरफ्तार करने की कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है। इस मामले की जांच के लिए अब दिल्ली से सेना के अधिकारियों की एक टीम बठिंडा कैंट पहुंची है। वहीं इस मामले में अब आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की भी एंट्री हुई है। SFJ के मुखी गुरपतवंत पन्नू ने इस फायरिंग की जिम्मेदारी ली है। आतंकी पन्नू ने एक वीडियो जारी कर कहा कि पंजाब को अलग देश खालिस्तान बनाया जाए, वर्ना ऐसे हमले आगे भी होते रहेंगे। उसने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को भी चेतावनी जारी की है। इसके बाद आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ने भी बठिंडा आर्मी कैंट पर हुए हमले की जिम्मेदारी ले ली है। KTF के अजीत सिंह ने लेटर-पैड पर चिट्ठी जारी कर कहा कि भारतीय फौज सिखों के कत्लेआम की जिम्मेदार है। 1984 को गोल्डन टेंपल पर भी भारतीय फौज ने ही हमला किया। इस हमले से उसका बदला लिया गया है।
फायरिंग केस की जांच में पुलिस-आर्मी के 4 एक्शन
- क्राइम सीन रीक्रिएट किया जा रहा: दिल्ली से पहुंची सेना के अधिकारियों की टीम मामले की गहनता से पड़ताल कर रही है। क्राइम सीन को बार-बार रीक्रिएट किया जा रहा है, ताकि पता चल सके कि फायरिंग करने के बाद हमलावर किस दिशा में भागे हो सकते हैं।
- कैंट के अंदर रहने वालों की गिनती: पुलिस और सेना की जांच में अभी तक यह बात कही जा रही है कि फायरिंग करने वाले कैंट के अंदर के ही हैं। जिसके बाद सैन्य अधिकारी और पुलिस बल कैंट में तैनात विभिन्न रेजिमेंट और बटालियों के फौजियों और उनके परिवारों के सदस्यों की लगातार गिनती कर रहे हैं, ताकि पता चल सके कि वारदात के बाद कोई जवान या उसके परिवार वाले गायब तो नहीं है।
- आपसी रंजिश के एंगल पर भी जांच: सेना के अधिकारी इस मामले को आपसी रंजिश मानकर भी जांच कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मृतक जवानों के साथ ड्यूटी करने वाले जवानों से भी पूछताछ की जा रही है। मिलिट्री पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि मरने वाले जवानों का हाल-फिलहाल किसी से झगड़ा तो नहीं हुआ था। वहीं यह भी देखा जा रहा है कि उनकी किसी से रंजिश तो नहीं थी।
- गायब हुई इंसास राइफल कौन ले गया?: मिलिट्री पुलिस यह पता लगाने में जुटी हुई है कि वारदात से 2 दिन पहले गायब हुई इंसास राइफल कौन ले गया। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि सेना के अधिकारी ने शक जताया कि 4 जवानों की हत्या में इसी इंसास राइफल का इस्तेमाल हो सकता है।
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में फायरिंग केस
शुरुआती जांच में पता चला कि जवानों को इंसास राइफल से गोलियां मारी गई। पुलिस को मौके से इसके 19 खाली खोल बरामद हुए। गोली मारने वाले 2 लोग सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर आए थे। मुंह ढका हुआ था। बठिंडा पुलिस ने इसमें टेरर एंगल से इनकार नहीं किया था। इस घटना से 2 दिन पहले यूनिट के गार्ड रूम से इंसास राइफल और गोलियां गायब हुई थीं। पुलिस और आर्मी को इस राइफल का घटना में इस्तेमाल होने का शक है। आर्मी ने बयान जारी कर बताया कि सर्च टीम को इंसास राइफल मिली है। जिसमें कुछ मैगजीन भी हैं। पुलिस व आर्मी की जॉइंट टीम ने राइफल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। जिससे स्पष्ट होगा कि यह वारदात इसी राइफल से की गई या नहीं। आर्मी ने किसी संदिग्ध को हिरासत में लेने की बात से भी इनकार किया है।
मरने वालों में सागर बन्ने, कमलेश आर, योगेश कुमार जे, संतोष कुमार नागराल शामिल हैं। इनमें 2 जवान कर्नाटक और 2 तमिलनाडु के हैं। इनकी उम्र 24 से 25 साल की उम्र है। इनकी नौकरी को अभी 3-3 साल ही हुए थे। जिन हमलावरों ने फायरिंग की, उसके बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है। जिन जवानों ने देखा, उनका कहना है कि फायरिंग करने वाले 2 आरोपी थे। जिनमें एक के हाथ में इंसास राइफल और दूसरे के कुल्हाड़ी थी। ये लोग किस व्हीकल में आए, इसके बारे में पता नहीं है। जवानों ने जब देखा तो ये लोग जंगल की तरफ भाग निकले। उसके बाद आर्मी ने सर्च ऑपरेशन भी चलाया। गोली मारने वाले सिविलियन हैं या आर्मी के जवान, इसके बारे में जांच की जा रही है। इसके अलावा पंजाब पुलिस मिलिट्री पुलिस के साथ मिलकर टेरर एंगल की भी जांच की जा रही है। अंदर CCTV कैमरे भी लगे हुए हैं। इसकी भी छानबीन की जा रही है। जांच के अपडेट के बारे में सेना या पंजाब पुलिस ने कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी है। पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में बुधवार सुबह हुई फायरिंग में सेना के 4 जवानों की मौत हो गई। 80 मीडियम रेजिमेंट के ये जवान ऑफिसर्स मेस में गार्ड ड्यूटी पर तैनात थे। आर्मी ने कहा कि फायरिंग सुबह 4:35 बजे हुई। 4 मौतों के अलावा जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। पुलिस और सेना की टीमें मिलकर इसकी जांच कर रही हैं(सूत्र इंटरनेट)