RAJASTHAN1ST : प्रदेश में तेंदुए का शिकार कर उनकी तस्करी का मामला सामने आया है। आरोपी तस्कर इन्हें मार इनकी खाल लाखों रुपए में बेचता था। एसओजी की इस कार्रवाई में 4 तेंदुए की खाल भी बरामद की है। मामला उदयपुर के गोंगुदा थाना क्षेत्र का है। बुधवार देर रात करीब 10 बजे एसओजी एडीजी अशोक राठौड़ ने आरोपी चूनाराम उर्फ सुनील को गिरफ्तार किया है। आरोपी से 2 शावक और 2 बड़े तेंदुए की खाल सहित, बाइक, मोबाइल और अन्य सामग्री बरामद की गई है। आरोपी गोगुंदा के ही पलादड़ा खुर्द का रहने वाला है, जिसे गोगुंदा हाइवे स्थित निजी होटल विष्णु के पास से दबिश देकर गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि तस्कर पिछले 4 साल से ये काम कर रहा है। वह लड़कियों के किडनैपिंग और जबरन शादी के मामले में भी जेल जा चुका है। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी चूनाराम बीते 4 साल से तेंदुए की खाल की तस्करी कर रहा है। वह उदयपुर संभाग के कुम्भलगढ़ और रणकपुर वन्यजीव अभयारण्य में बीते 4 साल में कई तेंदुए को मौत के घाट उतार चुका है। तेंदुए को मारकर उनकी खाल उतारकर लाखों रूपए में बेचने की बात सामने आ रही है। उदयपुर और आसपास क्षेत्रों में रिजर्व फोरेस्ट एरिया और वन्यजीव अभयारण्य है जहां बड़ी संख्या में तेंदुए की आबादी है। आरोपी के स्थानीय होने से उसे तेंदुए का एरिया और उसके मूवमेंट का पता रहता था, फिर वह जंगल में उन्हें मारने का प्लान बनाता था।
एसओजी को मुखबिर से सूचना मिली थी। इसके बाद कार्रवाई करते हुए गोगुंदा की एक होटल से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। बड़े तस्कर गिरोह के सामने आने की संभावना मामले में 4 तेंदुए की खाल के साथ तस्कर को पकड़े जाने के बाद एसओजी को इसके पीछे कोई बड़े सक्रिय गिरोह होने की संभावना है। इस संबंध में एसओजी की टीम आरोपी से सख्ती से पूछताछ में जुटी है, जिसमें ये सामने आएगा कि तेंदुए के शिकार में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। साथ ही तेंदुए की खाल को किसके द्वारा और कहां-कहां बेचा जा रहा था। पिछले साल वन्यजीव गणना में सेंचुरी एरिया में 56 तेंदुए देखे गए थे। सेंचुरी के बाहर के वन क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक है। वन मंडल उत्तर और दक्षिण रेंज में इनका मूवमेंट सबसे ज्यादा रहता है। वहीं शहर के आसपास के वन क्षेत्रों में 30 से ज्यादा तेंदुए का मूवमेंट दर्ज है। तेंदुए का जोड़ा हर साल 2 से 3 बच्चों को जन्म देता है इनकी मृत्युदर भी कम होती है। आरोपी चूनाराम मनरेगा के तहत वन विभाग के कामों में मजदूरी कर चुका है। इससे उसकी वन विभाग के कर्मचारियों से जान-पहचान की बात सामने आ रही है।
वन विभाग के कामों में मजदूरी
आरोपी चूनाराम मनरेगा के तहत वन विभाग के कामों में मजदूरी कर चुका है। इससे उसकी वन विभाग के कर्मचारियों से जान-पहचान की बात सामने आ रही है। इससे पहले वह आटा चक्की चलाता था, लेकिन इनकम नहीं होने से चक्की बंद कर दी। इसके बाद मकानों में पुताई का काम करने लगा। यह भी काम ज्यादा नहीं चला तो तेंदुए की तस्करी का काम करने लगा। चूनाराम के दो पत्नियां है जिनसे उसके 11 बच्चे हैं। पहली पत्नी से 5 और दूसरी पत्नी से 6 बच्चे हैं। वह फिलहाल दूसरी पत्नी कावरी और उसके 6 बच्चों के साथ ही रह रहा था।(सूत्र इंटरनेट)