- आशा व आंगनवाड़ी वर्कर के सशक्तिकरण बारे हुआ कार्यक्रम का आयोजन
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा सोमवार को जिला वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र रेवाडी में आशा वर्कर व आंगनवाडी वर्कर के सशक्तिकरण बारे कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वर्षा जैन ने कहा कि लैंगिक असमानता का तात्पर्य लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव है। आज भी समाज में महिलाओं को कमजोर वर्ग के रूप में देखा जाता है। वे घर और समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपमान और भेद-भाव से पीड़ित होती हैं। समाज में ऐसा नहीं होना चाहिए। महिलाओं को भी समाज में इज्जत व सम्मान से जीने का हक है और उन्हें उनका यह हक मिलना चाहिए। हमें महिला सशक्तिकरण पर जोर देना होगा। समाज में एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव होना ही लैंगिक संवेदनशीलता है। उन्होंने कहा कि वास्तविक महिला सशक्तिकरण तो तभी होगा जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी और उनमें कुछ करने का आत्मविश्वास जगेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेवाड़ी ने एक हेल्पलाइन नम्बर 01274-220062 चलाया हुआ है जिस पर कोई भी महिला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेवाड़ी से निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकती है।
समाज सेविका प्रियंका यादव ने महिलाओं को जागरूक करते हुए प्रेरित किया तथा आत्मनिर्भर होने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बहुओं को बेटियों के समान दर्जा दें तथा उनसे कोई भेदभाव ना करें जिससे महिलाओं में समानता बनी रहे। इस मौके पर मिताली व निशा न्यायिक अधिकारी ने भी महिला सशक्तिकरण पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया।
इस मौके पर पैनल अधिवक्ता ललिता भारती, मास्टर ऑफ सोशल वर्क के छात्र, आंगनवाड़ी वर्कर व आशा वर्कर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।